[ad_1]
Touch therapy gives happiness in women: अपनों का स्पर्श या टच थेरेपी (Touch therapy) किसी भी तरह की चिंता (Anxiety) या अवसाद (Depression) से दूर करने के लिए जादू की तरह का काम करता है. आप अगर एंग्जाइटी या स्ट्रेस से जूझ रहे हैं तो एक बार इस जादू की झप्पी को आजमा कर देख लीजिए. तुरंत फर्क महसूस करेंगे. खासकर यदि आप महिला (Women) हैं तो आपके लिए स्पर्श के फायदे अनमोल हैं. कई अध्ययनों (Study) में दावा किया गया है कि अपनों का स्पर्श महिलाओं में ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) हार्मोन के स्तर को कई गुना बढ़ा देता है जिससे महिलाओं को बेशकीमती खुशी (Happiness) मिलती है. ऑक्सीटोसिन हार्मोन को लव (Love) या खुशी हार्मोन भी कहा जाता है. ऑक्सीटोसिन हार्मोन स्ट्रेस बस्टर का काम करता है. गले लगना टच थेरेपी का ही एक हिस्सा है.
इसे भी पढ़ेंः Sleep Disorders: नींद में बड़बड़ाने की है आदत तो इस तरह लाइफ स्टाइल में बदलाव कर इसे सुधारें
स्ट्रेस बस्टर का काम करती है जादू की झप्पी
दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक अपनों का स्पर्श या टच थेरेपी मन की चोट को भरने में बहुत फायदेमंद है. अपनों से गले लगने के बाद जो खुशी मिलती है, उससे एंग्जाइटी और स्ट्रेस दूर हो जाती है. यही वजह है कि इसे जादू की झप्पी भी कहा जाता है. मनोवैज्ञानिक अवनि तिवारी बताती हैं कि महिलाएं ज्यादा भावुक होती हैं, इसलिए उनपर ऑक्सीटोसिन हार्मोन यानी लव हार्मोन का पुरुषों की तुलना में ज्यादा असर होता है.
मां का स्पर्श बेशकीमती
वॉकहार्ट अस्पताल मुंबई की साइकोथेरेपिस्ट डॉ सोनल आनंद ने बताया कि मां का स्पर्श टच थेरेपी का सबसे सुंदर उदाहरण है. बचपन से ही मां का स्पर्श लोगों के जेहन में फिट हो जाता है. इसलिए बड़े होने पर जब भी हम बहुत ज्यादा परेशान होते हैं, तनाव में रहते हैं या एंग्जाइटी की परेशानी बढ़ जाती है, तो मां को गले लगाने से सारे दुख मिटने लगते हैं. हमें बहुत ज्यादा राहत महसूस होती है. इसलिए मां का स्पर्श बेशकीमती होता है.
इसे भी पढ़ेंः 30 के बाद पुरुष अपनी डाइट में जरूर शामिल करें ये चीजें, नहीं होगी ताकत की कमी
अच्छी नींद आती है
गले मिलने के कारामात को साबित करते हुए जापान के तोहो यूनिवर्सिटी के अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि ऑक्सीटोसिन हार्मोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी शारीरिक या मानसिक परेशानी के सिग्नल को मस्तिष्क तक पहुंचने ही नहीं देता. इससे व्यक्ति पर दुखों का गंभीर प्रभाव नहीं पड़ता. यही वजह है कि गले लगने से व्यक्ति एंग्जाइटी या डिप्रेशन से बचा रहता है. बच्चों को गले लगने से भी उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है. नवजात शिशु को गले लगाकर सुलाने पर वह खुद को सुरक्षित महसूस करता है. उनकी नींद अच्छी और गहरी आती है.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.
Tags: Health, Lifestyle, Mental health
[ad_2]
Source link